5 Essential Elements For सम्राट अशोक के बारे में रोचक तथ्य
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भारताच्या इतिहासात एकच असा 'एकमेव' म्हणण्यासारखा कालखंड आहे, जो स्वातंत्र्याचा काळ, अतिशय महत्त्वाचा काळ आणि वैभवाचा काळ म्हणता येईल आणि तो काळ म्हणजे मौर्य सम्राट अशोकांच्या राज्यकारभाराचा काळ होय.
१९७१ साली सम्राट अशोकाचा एक लघु शिलालेख मध्य प्रदेशातील पांगुरारीया (प्रत्यक्षात नक्तितालाई) या खेड्याजवळ सापडला. या शिलालेखातील मजकुराचे योग्य भाषांतर जर्मनीतील प्राध्यापक हॅरी फाल्क यांनी केल्यानंतर वरील समजुतीला छेद मिळाला असून सम्राट अशोक तरुणपणापासूनच बौद्ध विचारधारा मानणारा होता हे सिद्ध झाले आहे.
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बौद्ध धर्म अपनाकर उसने जीवो पर दया और मानव के प्रति दया भाव का संदेश दिया।
बौद्ध धर्म अपनाने के बाद सम्राट अशोक एक महान शासक एवं एक धर्मपरायण योद्धा के रुप में सामने आए। इसके बाद उन्होंने अपने मौर्य सम्राज्य के सभी लोगों को अहिंसा का मार्ग अपनाने और भलाई कामों को करने की सलाह दी और उन्होंने खुद भी कई लोकहित के काम किए साथ ही उन्हें शिकार और पशु हत्या करना पूरी तरह छोड़ दिया।
जवळपास सर्व भारत त्याने एका साम्राज्याच्या छायेत आणला व आपली एकछत्री सत्ता लागू केली. संपूर्ण हिंदुस्थानात एकछत्री साम्राज्य उभारणार चक्रवर्ती सम्राट म्हणून अशोकाच्या नावाचा उल्लेख करावा लागतो रोमिला थापर यांनी अशोकाच्या कार्याचा विशेष गौरव केलेला आहे. कलिंगचे युद्ध[संपादन]
ऐतिहासिक ललित साहित्य - संतसाहित्य, अन्य भक्तिपर साहित्य, स्तुतिपर कवने.
महान शासक सम्राट अशोक का अशोक चिन्ह आज के गौरवमयी भारत को दर्शाता है।
सम्राट अशोक ने अपनी बौद्ध नीति के अनुसार शासन का आधार धर्म, अनुशासन, समझौता और समानता पर रखा। उन्होंने धर्म को संरक्षण देने के लिए धर्ममहत्या कमीशन और धम्मा विहार जैसी अनेक नीतियों को लागू किया। उन्होंने भारत और उनके सम्पदाओं के बीच सड़कों और गुफाओं की निर्माण की भी नीतियां बनाई।
इसके अलावा महान अशोक ने दक्षिण के मैसूर, कर्नाटक और कृष्ण गोदावरी की घाटी में भी कब्जा किया। उनके सम्राज्य की राजधानी पाटलिपुत्र (मगध, आज का बिहार) और Source साथ ही उपराजधानी तक्षशिला और उज्जैन भी थी। इस तरह सम्राट अशोक का शासन धीरे-धीरे बढ़ता ही चला गया और उनका सम्राज्य उस समय तक का सबसे बड़ा भारतीय सम्राज्य बना। हालांकि, सम्राट अशोक मौर्य सम्राज्य का विस्तार तमिलनाडू, श्रीलंका और केरल में करने में नाकामयाब हुआ।
भारताचा बहुतांशी भाग मौर्य अधिपत्याखाली आला तरी अजूनही कलिंग हे स्वतंत्र राज्यच होते. प्राचीन कलिंग ह्या देशात हे आजच्या आधुनिक भारतातील ओडिशा तसेच छत्तीसगड व झारखंड मधील काही भाग येतात.
“इतिहासातल्या पानापानांवर हजारो राजांच्या नावांची अक्षरशः गर्दी झाली आहे; पण त्या गर्दीमध्येही सम्राट अशोकांचे नाव झळकत असलेले दिसते.